Tuesday, January 25, 2011

धार्मिक महत्व को दर्शाते पोधे/ श्याम जी व्यास

धार्मिक महत्व को दर्शाते पोधे  
कड़ाके की ठंड में सूर्य की पहली किरण से लोग पौधों के लिए राहत की आस लगा लेते हैं। इसके लिए घर की छत या गार्डन सबसे उपयुक्त स्थान होता है। सब कुछ भूलकर लोग मोतियों से सजे इन पौधों को देख अपना मन बहलाते हैं।

घरेलू बगिया में कुछ पौधे औषधि के साथ-साथ धार्मिक महत्व के भी है। घरेलू गार्डन में रंगबिरंगे फूलों के साथ-साथ शुभांक माने जाने वाले पौधे रोपने का चलन खास हो गया। इन पौधों से लोगों की धारणाएँ एवं वैचारिक मानसिकता भी कहीं न कहीं जुड़ी होती हैं।

सुंदरता के साथ घर की सुख शांति के द्योतक इन फूलों में मधुकामनी, विष्णुकांता, चंपा चमेली, तुलसी, नीम, शमी, सदा सुहागन आदि खास होते हैं।


यह पौधे धार्मिक महत्व के साथ-साथ घरेलू गार्डन के सौंदर्य में चार चाँद लगा देते है।

इनकी सुंदरता को देखकर मन पुलकित हो उठता हैं। घर में पवित्रता का वा‍तावरण निर्मित करते यह फूल और पेड़-पौधे गार्डनों की शोभा बनकर मन को आनंदित कर देते है।

इस संबंध में कई युवाओं का मनाना है इन पर दृष्टि पड़ते ही हमारे स्वाभाविक सोच में त्वरित परिवर्तन आता है। मन में सकारात्मकता बढ़ने लगती है। मन में पढ़ाई और कुछ कर दिखाने के प्रति जज्बा बढ़ने लगता है।

घर के वातावरण को रमणीय बनाने वाले इन प्राकृतिक फूलों का कोई अन्य विकल्प ही नहीं हैं। गार्डनों की शोभा बने पुष्प हमेशा मुस्कारते रहते हैं और हमें धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा देकर हमारे जीवन का मार्ग प्रशस्त करते है।
श्याम जी व्यास (अभिनव कला मंच)
                                                                                                                 

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