दुश्मनी सारे जमाने से मिटाने के लिए
कोशिश कीजिये रिश्तो को निभाने के लिए
एक पैगाम मोहब्बत सुनाने के लिए
दिल न दुनिया से लगा यह है सराए फ़ानी
लोग आते है यहाँ लौट के जाने के लिए
हमको फिर रोक न पाएंगे जमाने वाले
आप आओ तो सही हमको बुलाने के लिए
खौफ बिजली का हमे कुछ भी नहीं है राही
हम है तैयार नशेमन को बनाने के लिए
अब्दुल समद राही
जन्म - २ जुलाई १९६८ सोजत
वालिद - अब्दुल सतार हाजी रहीम बक्श
माता - ज़मिला खातून कृतित्व-शायर कवि पत्रकार देश की अनेक पत्र पत्रिकाओ में विभिन विधाओ में रचनाओं का सतत प्रकाशन समाज सेवा में गहरा लगाव, राष्ट्रीय कवि सम्मलेन मुशायरो के मंचो पर प्रस्तुति
पुरस्कार - राष्ट्रीय स्तर के २ दर्जन पुरस्कारों से सम्मानित
दूरदर्शन जयपुर और आकाशवाणी जोधपुर से रचनाओ का प्रसारण
रचनाये(पुस्तके) - दोस्ती का हक (हिंदी बाल कहानी संग्रह )
म्हा टाबरिया भारत माँ रा(राजस्थानी बाल कविता संग्रह)
भारत देश हमारा है (हिंदी बाल कविता संग्रह )
पीड़ रो परनालो (राजस्थानी ग़ज़ल संग्रह) प्रकाशित तथा
रिसते जख्म (उर्दू ग़ज़ल संग्रह)
अपना साया ( हिंदी कविता संग्रह)
बज गयी घंटी (हिंदी बाल कविता संग्रह)
चूँ चूँ का मुरब्बा (हिंदी बाल कविता संग्रह)
ईद मिलन (हिंदी बाल कहानी संग्रह )
जूण री अब्खाया ( राजस्थानी कविता संग्रह)
आदि रचनाये प्रकाशाधीन
संपर्क - सिलावट मोहल्ला, ढाल की गली, सोजत शहर ३०६१०४ राजस्थान
9214677674, 8233351836
5 comments:
स्वागत है आपका हिन्दी ब्लाग जगत की इस मनोरम दुनिया में...
मनोरंजक चित्र, शिक्षाप्रद लघुकथाएँ और उत्तम विचारों से परिपूर्ण जिन्दगी के रंग में देखिये-
निरन्तरता का महत्व (लघुकथा)
निरोगी शरीर सुखी जीवन का आधार : स्वास्थ्य सुख में देखिये-
बेहतर स्वास्थ्य की संजीवनी- त्रिफला चूर्ण
bhtrin gzal.akhtar khan akela kota rajsthan
बहुत बढ़िया ... बेहतरीन ग़ज़ल...
nice
mohbbat ke liye achha pegam diya hai magar lafzo ko zara sa dard me pirote to achaa rahta
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